
दिल के सबसे पास, सबसे खास हो तुम
मेरे जीने का, मरने का हर एहसास हो तुम
मेरे सूखे वीरान जीवन की पहली बरसात हो तुम
जो पानी से भी न बुझ पाए ऐसे कुएँ की प्यास हो तुम
कोई तुमको कुछ भी कहे, मेरे लिए खुद खुदा पास हो तुम
तुम दिखो तो दिन चढ़े, तुम रुको तो दिन ढले
तुम हंसो तो चाँद खिले, तुम उदास तो अमावस की रात
तुम मिलो तो झरनों का संगम
हम बिछडें तो हो जाये संग्राम
मेरे शब्दों के छोटे से दायरे में जो न समां पाए
वो खुदा की कायनात हो तुम
मेरे जीने का, मरने का हर एहसास हो तुम
मेरे सूखे वीरान जीवन की पहली बरसात हो तुम
जो पानी से भी न बुझ पाए ऐसे कुएँ की प्यास हो तुम
कोई तुमको कुछ भी कहे, मेरे लिए खुद खुदा पास हो तुम
तुम दिखो तो दिन चढ़े, तुम रुको तो दिन ढले
तुम हंसो तो चाँद खिले, तुम उदास तो अमावस की रात
तुम मिलो तो झरनों का संगम
हम बिछडें तो हो जाये संग्राम
मेरे शब्दों के छोटे से दायरे में जो न समां पाए
वो खुदा की कायनात हो तुम
No comments:
Post a Comment